अंजुमन इस्लाहुल-मुस्लिमीन के दल की मौलाना बिलाल हसनी और मौलाना मसूद जाफर से हुई मुलाकात।

 


लखनऊ अंजुमन इस्लाुल-मुस्लिमीन लखनऊ के एक दल ने आज दारुल उलूम नदवा पहुंचकर, नदवा प्रमुख मौलाना सैयद मुहम्मद बिलाल अब्दुल हई हसनी नदवी और नाज़िर मौलाना सैयद मसूद जाफर हसनी नदवी से मुलाकात की। उन्हें अंजुमन के उद्देश्यों और उसके काम से परिचित कराया। साथ ही संस्था के उद्देश्यों एवं नियमों के विरूद्ध किये जा रहे प्रयासों का विवरण भी दिया। अंजुमन के सदस्य डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी के नेतृत्व में गए दल ने विद्वानों को बताया कि अंजुमन प्रशासन पर कब्जा करने के उद्देश्य से रजिस्ट्रार कार्यालय में नियमों के विपरीत 190 नए सदस्यों की सूची दाखिल की गई है।   
 
जिससे अंजुमन के अधिकतर सदस्यों में सख्त नाराज़गी थी और दो दर्जन से अधिक सदस्यों ने रजिस्ट्रार कार्यालय में आपत्ति दााखिल की, उस आपत्ति पर जब नए सदस्यों की सूची रद्द हो गयी तो अपनी शर्मंदगी को मिटाने के लिए वर्तमान सचिव और उनके समर्थकों और सहायकों ने अपनी छवि सुधारने के लिए ‘पयामे इंसानियत’ सम्मेलन, शैक्षिक सम्मेलन और मुशायरा आयोजित करने की योजना बनाई है। जिसे किसी भी स्तर से मंजूरी नहीं मिली है। ये समारोह मुमताज पीजी कॉलेज के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के नाम पर आयोजित किये जा रहे हैं. जबकि गोल्डन जुबली वर्ष 2023-24 में समाप्त हो चुका है। 
 
जहां तक ‘बजट का सवाल है, कॉलेज के पास पार्ट टाईम शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, वह पैसा अनाथालय और अंजुमान से स्थानांतरित किया जा रहा है और इन आयोजनों पर लाखों रुपये खर्च करने की योजना है, जो निश्चित रूप से यतीमों का हक है।  
 
 
 प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अंजुमन के पदाधिकारियों के चुनाव से पहले अंजुमन के नियमों के विरुद्ध इस तरह के समारोह की क्या जरूरत है? अगर मौलाना अली मियां का मिशन ‘पयामे इंसानियत’ को बढ़ावा देना है तो यह काम नई कमेटी के गठन के बाद किया जा सकता है। दल ने कहा कि इससे पहले मई 2023 में हजरत मौलाना सैयद मुहम्मद राबे होस्नी नदवी रह0 के नाम पर जो जलसा हुआ था उसका हिसाब आज तक नहीं दिया गया। रात्रिभोज का निमंत्रण एक सज्जन ने अपने नाम से जारी किया था और इसका भुगतान भी अंजुमन से करा दिया गया था। मौलाना सैयद मुहम्मद रबी हसनी नदवी रह0 के नाम पर वृद्धाश्रम बनाने के लिए जमा धन और फिर रातों-रात वृद्धाश्रम के शिलालेख और शिलान्यास को नष्ट कर दिया गया। आज तक उसके बारे में भी कुछ नहीं बताया गया है। 
 
इसके अलावा उन पर कई भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, अंजुमान की देखरेख में निशातगंज कब्रिस्तान में अवैध तरीके से मक़बरा का निर्माण कराया गया, इस पर आज तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। बेसहारा मुस्लिम लड़कियों के लिए स्थापित अनाथालय को पैसे की कमी का शपथ पत्र देकर बंद कर दिया गया, अनाथालय में केवल कुछ बच्चे बचे हैं, इस पर कोई ध्यान नहीं है, केवल अपना नाम और मनमानी की जा रही है। इन खामियों और अनियमितताओं पर पर्दा डालने के लिए फरवरी 2025 में पायमे इंसानियत के नाम पर  नदवा का संरक्षण, सहमति और समर्थन हासिल करने और अंजुमान के फंड का एक बार फिर से बेजा उपयोग करने का प्रयास किया जा रहा है।
 इस संबंध में अंजुमन के अध्यक्ष जनाब मुहम्मद सुलेमान साहब को सारी जानकारी दे दी गई थी, उन्होंने अनुशासनहीनता को रोकने के बजाय इसे मजबूत करने का काम किया है। उलमा ने दल की बात को ग़ौर से सुना और इसके अस्तित्व की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने का आश्वासन दिया है। दल में डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी के अलावा मोहम्मद हलीम एडवोकेट, खालिद हलीम खान, अब्दुल्ला जमीर, नज्म जिलानी एडवोकेट, गुफरान नसीम, मसूद आलम जिलानी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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