नीतीश, मांझी और चिराग जी बताएं कि वो आरक्षण पर लगे 50 प्रतिशत की पाबन्दी को हटाने के विरोधी क्यों हैं- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 19 जनवरी, 2025. सिर्फ़ कांग्रेस ही सामाजिक
न्याय और संविधान की लड़ाई लड़ रही है. भाजपा और आरएसएस मुसलमानों, दलितों,
पिछड़ों, आदिवासियों और गरीब सवर्णों का हक़ छीन लेना चाहती हैं. लेकिन
मल्लीकार्जुन खरगे जी, राहुल गाँधी जी और प्रियंका गाँधी जी भाजपा की इस
साज़िश को सफल नहीं होने देंगे.
ये
बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और बिहार सह प्रभारी शाहनवाज़
आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 178 वीं कड़ी में कहीं.
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि पटना के गाँधी सभागार में संविधान सुरक्षा सम्मेलन में
राहुल गाँधी के इस बयान ने कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर
आरक्षण पर लगी 50 फीसदी की पाबंदी को खत्म कर दिया जाएगा, पिछड़ों, दलितों
और आदिवासियों में सत्ता परिवर्तन के लिए उत्साह भर दिया है.
उन्होंने
कहा कि अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, जीतन राम मांझी जी और चिराग पासवान
जी को बताना चाहिए कि वो पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के आरक्षण पर लगे
50 प्रतिशत की पाबन्दी को हटाने के पक्ष में हैं या आरक्षण विरोधी भाजपा के
साथ ही रहना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि यह कैसे संभव है कि आप समाजिक
न्याय की बात भी करें और आरक्षण पर लगे 50 फीसदी की पाबंदी को हटाने की
माँग करने वाली कांग्रेस के भी खिलाफ़ रहें. नीतीश जी, जीतन राम मांझी जी
और चिराग पासवान जी को स्पष्टिकरण देना चाहिए कि वो आरक्षण विरोधी भाजपा के
साथ रहते हुए भी समाजिक न्याय का ढोंग कैसे कर सकते हैं.
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि राहुल गाँधी हमेशा इस बात को कहते हैं कि सिर्फ़
प्रतिनिधित्व मिलने से पिछड़ों और दलितों को न्याय नहीं मिल जाएगा. इन
कमज़ोर वर्गों को प्रतिनिधित्व के साथ ही शक्ति भी मिलना चाहिए जो सिर्फ़
कांग्रेस ही दे सकती है. उन्होंने कहा कि यह कितने शर्म की बात है कि
आरक्षण के कारण मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे बिहार के एक नेता आरक्षण
को ही खत्म करने की बात पिछले दिनों कह चुके हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस
ऐसे ढोंगी और फर्जी नेताओं की असलियत समाज को बताने के लिए जन संपर्क
अभियान चलायेगी.
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि पटना में राहुल गाँधी के ऐतिहासिक संबोधन के बाद बिहार
बदलाव के लिए तय्यार हो गया है. चुनाव में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी.
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