मस्जिद में घुसकर अराजकता करने वालों को निर्दोष बताने वाले जज को पद से हटाया जाए- शाहनवाज़ आलम

 


पटना, 17 सितंबर 2024. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा एक मस्जिद में हिंदुत्ववादी संगठन के लोगों द्वारा घुस कर जय श्री राम के नारे लगाकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वालों को निर्दोष बता कर बरी कर देने को न्याय का अपमान बताया है. उन्होंने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ पर भी आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में न्यायपालिका का एक हिस्सा खुलकर आरएसएस के सांप्रदायिक एजेंडे को मजबूती दे रहा है.

शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट के जज एम नाग प्रसन्ना द्वारा दिया गया यह फैसला आरएसएस से जुड़े अराजक तत्वों को मस्जिदों, चर्चों और गुरुद्वारों में घुसकर आतंक फैलाने के लिए प्रेरित करेगा. जिससे देश में सांप्रदायिक हिंसा की बाढ़ आ जायेगी. ऐसे में ज़रूरी है कि सुप्रीम कोर्ट ऐसा फैसला देने वाले जज को तत्काल बर्खास्त करे.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी देश ने देखा था कि मुसलमानों को गोली मारने का नारा लगाने वाले पूर्व केंद्रीय मन्त्री अनुराग ठाकुर को दिल्ली हाईकोर्ट के जज चंद्रधारी सिंह ने बरी करते हुए कहा था कि मुस्कुरा कर लगाया गया यह नारा धमकी की श्रेणि में नहीं आता है. उन्होंने कहा कि चंद्रधारी सिंह जैसे जजों के ऐसे फैसलों से मुसलमानों के खिलाफ़ हिंसा करने वालों का मनोबल बढ़ा जिससे मुसलमानों के ऊपर हमले भी बढ़े. अब कर्नाटक हाई कोर्ट के जज के इस फैसले से मुसलमानों की जानमाल पर और खतरा बढ़ गया है.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि कर्नाटक हाई के जज कोर्ट का यह कहना कि इस कृत्य से पब्लिक ऑर्डर पर कोई असर नहीं पड़ता या इससे शांति व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ता इसलिए ये सेक्शन 295 ए के तहत अपराध नहीं है और इसलिए इस मामले में कोई भी कार्यवाई क़ानून का दुरूपयोग और न्याय की विफलता मानी जाएगी, क़ानून का मज़ाक बनाना है. ऐसी टिप्पणी करने वाले जज के अपने पद पर बने रहने से जनता का न्यायपालिका से भरोसा उठ जाएगा.

उन्होंने कहा कि दंगाइयों के वकील की इस दलील को कोर्ट द्वारा स्वीकार कर लिया जाना कि मस्जिद एक सार्वजनिक स्थल है इसलिए वहाँ घुसने को अतिक्रमण नहीं कहा जा सकता, प्रथम दृष्टया की गलत है. ऐसे फैसले के बाद तो कोई भी दंगाई किसी भी मस्जिद में घुसकर गुंडागर्दी कर सकता है.

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के प्रधानमन्त्री से निजी मुलाक़ातों की तस्वीरें सार्वजनिक हो जाने के बाद न्यायपालिका में बैठे सांप्रदायिक जजों का मनोबल और बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि निचली अदालतों के जजों को लगता है कि जब जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहते हुए संविधान की प्रस्तावना में मौजूद सेकुलर शब्द को कलंक बताते हुए उसे हटाने की मांग करने वाले पंकज मित्तल को प्रमोट करके चंद्रचूड़ जी सुप्रीम कोर्ट में जज बना सकते हैं या मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ़ नफ़रती भाषण देने वाली भाजपा महिला मोर्चा की नेता विक्टोरिया गौरी को चंद्रचूड़ जी चेन्नई हाईकोर्ट का जज बना सकते हैं तो उन्हें भी आरएसएस के दंगाइयों को बरी करने पर प्रमोशन मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल को इतिहास न्यायपालिका का सांप्रदायिकरण करने के लिए याद करेगा.

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