सांप्रदायिक भाषा बोलने वाले बरेली जिला जज रवि दिवाकर को पद से हटाने के लिए अल्पसंख्यक कांग्रेस ने सीजेआई को भेजा ज्ञापन
लखनऊ, 10 अक्टूबर 2024. अल्पसंख्यक कांग्रेस ने बरेली के
अपर जिला जज रवि कुमार दिवाकर पर अपने फैसलों में बार-बार सांप्रदायिक
टिप्पणियां करने के कारण उन्हें पद से हटाने की मांग करते हुए प्रदेश भर से
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को ज्ञापन भेजा है.
अल्पसंख्यक
कांग्रेस के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस
विज्ञप्ति में कहा कि पिछले महीने 30 सितंबर को बरेली के अपर ज़िला जज रवि
कुमार दिवाकर ने मुस्लिम युवक और हिंदू युवती की शादी के मामले में फैसला
देते हुए इसे 'लव जिहाद' का मामला बताया था. जबकि लड़की ने अपने बयान में
स्पष्ट तौर पर कहा था कि उसने आलिम नाम के युवक पर प्रेम में बहलाकर
बलात्कार करने का आरोप अपने परिजनों और हिंदुत्ववादी संगठनों के दबाव में
लगाया था क्योंकि ये लोग युवती के मुस्लिम व्यक्ति से शादी करने के खिलाफ़
थे. जिसपर जज रवि कुमार दिवाकर ने लड़की के बयान को खारिज़ करते हुए कहा कि
लड़की मुस्लिम युवक के प्रभाव में ऐसा बोल रही है. जिससे यह पता चलता है
कि वो जज की भूमिका में रहने के बजाए एक पक्ष के वकील की भूमिका में थे.
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि वहीं लव जिहाद नामक शब्द किसी भी कानून में नहीं है और इसे
आरएसएस के लोग फैलाते हैं. जिससे साबित होता है कि रवि कुमार दिवाकर आरएसएस
जैसे सांप्रदायिक संगठन से प्रभावित हैं जिसकी झलक उनके फैसलों में भी दिख
रही है. इसलिए उन्हें तत्काल पद से हटाया जाए और उनकी टिप्पणियों को फैसले
से हटा दिया जाए.
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि रवि कुमार दिवाकर इससे पहले भी एक फैसले में मुख्यमन्त्री
योगी आदित्यनाथ को दार्शनिक राजा बताने के साथ ही सांप्रदायिकता को विपक्षी
पार्टियों द्वारा मुस्लिम समाज के तुष्टिकरण का परिणाम बता चुके हैं.
जिसपर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी आलोचना करते हुए फैसले से उक्त टिप्पणियों
को हटाने का आदेश दिया था. उन्होंने कहा कि बार-बार सांप्रदायिक टिप्पणी
करने के बाद भी उनका पद पर बने रहना साबित करता है कि उन्हें हाई कोर्ट या
सुप्रीम कोर्ट से किसी भी कार्यवाई का डर नहीं है. इसलिए मुख्य न्यायाधीश
को न्यायपालिका की छवि को कलंकित होने से बचाने के लिए रवि कुमार दिवाकर को
पद से हटा देना चाहिए.
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