।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
ए.सी.बी. मुख्यालय के निर्देश पर विशेष अनुसंधान इकाई, जयपुर द्वारा आज कार्यवाही करते हुये प्रियंका शर्मा सहायक वाणिज्य कर आयुक्त सर्किल – एच, वार्ड- प्रथम, जोन-चतुर्थ, कर विभाग, जयपुर एवं दलाल वेदप्रकाश शर्मा (प्राईवेट व्यक्ति) को परिवादी से 6 लाख 10 हजार रूपये की रिश्वत लेने के आरोप मे गिरफ्तार किया है ।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने बताया कि ए.सी.बी. की विशेष अनुसंधान इकाई, जयपुर को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि दिनांक 6-7-2023 को उसकी फर्म के सर्वे के दौरान उसके खाते ऑफिस सीज करने धमकी देकर प्रियंका शर्मा सहायक वाणिज्य कर आयुक्त सर्किल – एच, वार्ड- प्रथम, जोन-चतुर्थ, कर विभाग, जयपुर द्वारा 28 लाख रूपये रिश्वत राशि की मांग कर परेशान किया गया तथा इसके बाद आरोपिया द्वारा दिनांक 23-7-2023 को अपने दलाल वेदप्रकाश (प्राईवेट व्यक्ति) के माध्यम से 6 लाख 10 हजार रूपये की रिश्वत वसूल की गई है।
जिस पर एसीबी जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस रणधीर सिंह के सुपरवीजन में एसीबी विशेष अनुसंधान इकाई, जयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंग सिंह शेखावत के निर्देशन में शिकायत का सत्यापन किया जाकर आज पुलिस निरीक्षक सज्जन कुमार द्वारा मय टीम के जयपुर में कार्यवाही करते हुये।
प्रियंका शर्मा पत्नी आशीष शर्मा निवासी ए-37, राजपूताना मार्ग, सत्यनगर, झोटवाड़ा, जयपुर हाल सहायक वाणिज्य कर आयुक्त, सर्किल – एच, वार्ड- प्रथम, जोन-चतुर्थ, कर विभाग, जयपुर एव दलाल वेदप्रकाश शर्मा पुत्र अशोक शर्मा निवासी 1, तिरूपति फ्लेटस्, कालवाड़ रोड़ झोटवाड़ा, जयपुर को परिवादी से 6 लाख 10 हजार रूपये की रिश्वत राशि लेने के आरोप में बाद पूछताछ गिरफ्तार किया गया है। आरोपिया एवं दलाल से रिश्वत राशि बरामद करने के संबंध में पूछताछ एवं अनुसंधान किया जा रहा है।
एसीबी के महानिरीक्षक श्री सवाई सिंह गोदारा के निर्देशन में आरोपियों के आवास एवं ठिकानों पर तलाशी जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ