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शेखावाटी व मारवाड़ की कायमखानी बिरादरी मे शैक्षणिक तौर पर लड़कियों के मुकाबले लड़को के पिछड़ने से अलग तरह का संकेत मिलने लगा!

 
                   ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।

                   हालांकि खासतौर पर शेखावाटी जनपद व मारवाड़ मे रहने वाले कायमखानी समुदाय मे पहले लड़कियों के मुकाबले लड़को का शैक्षणिक स्तर अच्छा व अधिक होने के कारण समाज के गिने चूने लड़के अपनी बराबर के शेक्षिक स्तर की लड़की नही मिलने या घर-परिवार के बदलते माहोल के कारण अंतरजातीय व अंतरधार्मिक शादियां कर लिया करते थे। लेकिन समय के साथ बिरादरी के करवट बदलने के कारण पीछले कुछ सालो मे लड़के शैक्षणिक माहोल से दूर व लड़कियों ने मयारी शिक्षा को अपना जेवर समझ कर लड़को को काफी पीछे छोड़कर कामयाबी पाने लगी है। लड़कीयां अब लड़को को शेक्षणिक क्षेत्र मे पछाड़ कर भाइयों को शिक्षा को मजबूती से व्यापक स्तर पर अपनाने का चेलेंज खड़ा कर दिया है।
                   कल नीट के आये परिणाम को सामने रखकर देखते है तो लड़को के मुकाबले लड़कियों ने बेहतरीन रजल्ट दिये है।जो सीलसीला नीट के अलावा अन्य शेक्षणिक क्षेत्र मे भी नजर आ रहा है। चाहे तादाद मे कम सही लेकिन लड़कियों के शैक्षणिक स्तर व सरकारी व गैरसरकारी सेवा के पद के अनुरूप उनके रिस्ते के लिये बिरादरी मे लड़का नही मिलने के कारण कुछ लड़कियों व उनके परिजनों को मजबूरन अंतरजातीय व अंतरधार्मिक शादियां करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वही बहुत सी लड़कियों को बराबर का रिस्ता नही मिलने पर शादी के लिये समझौता करना पड़ रहा है। इसी वजह.से अनेक लड़कियों की शादी की अनुपातिक उम्र से अधिक होने के बाद भी बराबर के रिस्ते नही मिल रहे है।
                    लड़कियों का बेहतरीन शिक्षा लेना वर्तमान व भविष्य के निर्माण के लिये आवश्यक है। इनका शिक्षा मे आगे बढना शुभ संकेत है। लेकिन इन बहनो के मुकाबले भाइयों का शिक्षा मे पिछड़ने पर बिरादरी को समय रहते सोचकर कोई हल निकालने पर विचार कर लेना चाहिए। अगर जल्द लड़को के हालात नही बदले तो बिरादरी को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
                  कुल मिलाकर यह है कि ऐसे हालात कायमखानी बिरादरी सहित करीब करीब करीब सभी बिरादरी व मजहब के मानने वालो मे बनते जा रहे है। लेकिन कायमखानी बिरादरी को वर्तमान समय मे इसका अहसास कम हो रहा होगा। लेकिन हालत अच्छे नही कहे जा सकते है। लड़कियों के लिये शैक्षणिक व सेवा पद के हिसाब से रिस्ता टेडी खीर बनता जा रहा है। लड़कियों की तरह लड़को की शिक्षा पर भी विशेष फोकस करना होगा। लड़को के लिये कायमखानी बिरादरी ने अनेक शहरो मे छात्रावास कायम कर रखे है। बल्कि लड़कियों के लिये इस तरह के छात्रावास कायम नही है। पर मांग जरूर उठने लगी है।

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