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जमील अहमद के एआईएमआईएम संयोजक बनने पर उनके भाई राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अकील अहमद को एपीओ करके बांसवाड़ा हेडक्वार्टर करने की तरह उर्दू शिक्षक आमीन कायमखानी को भी निलम्बित करके उनका बांसवाड़ा हेडक्वार्टर किया।

 राजस्थान की गहलोत सरकार मुस्लिम समुदाय को कुचलने पर आमादा नजर आ रही है।

     


 

विधायक वाजिब अली ने निलम्बन रद्द करने की मांग की।

                ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।

                  मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व वाली गहलोत सरकार मे यूपी के मेरठ-मलियाना व हासिमपुरा नरसंहार की तरह भरतपुर जिले के गोपालगढ़ के मस्जिद मे नमाजियों को पुलिस द्वारा गोलियो से मारने के जख्म आज भी हरे है। वही पीछले दिनो अनेक चिंताजनक घटनाओं के अलावा सांसद ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के राजस्थान प्रदेश संयोजक बने जमील अहमद के भाई राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अकील अहमद को उसी दिन जयपुर से एपीओ करके गुजरात सीमा पर लगाने से सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। इसी कड़ी मे कल पांच सितम्बर को जयपुर मे आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक समारोह मे शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आमीन कायमखानी द्वारा उनकी सरकार के उर्दू के सम्बंधित बजट घोषणा पूरी करने के साथ छात्रो को उर्दू किताब उपलब्ध कराने की मांग करने पर सरकार आमीन कायमखानी को कुचलने पर आमादा है।
                        जमील अहमद के एआईएमआईएम संयोजक बनने पर उनके भाई अकील अहमद को जयपुर से एपीओ करके बांसवाड़ा हेडक्वार्टर करने की तरह ही सरकार ने शिक्षक नेता आमीन कायमखानी को भी उनके द्वारा उनकी सरकार द्वारा उर्दू सम्बंधित बजट घोषणा पूरी करने की मांग करना सरकार को गवारा नही होने पर उनको जयपुर से एपीओ करके बांसवाड़ा हेडक्वार्टर करके सजा देकर सरकार ने डराने की कोशिश की है। यानि सरकार बांसवाड़ा को प्रताड़ित करने का केंद्र बताना चाहती है। जबकि बांसवाड़ा भी राजस्थान का हिस्सा है जहां सरकार के कर्मचारी व अधिकारी अपनी सेवा देते है। अकील अहमद के मुकाबले कायमखानी को एपीओ के साथ निलम्बित भी किया है।
              राजस्थान कायमखानी महासभा के संयोजक कर्नल शौकत अली खान ने कायमखानी के निलम्बन पर अफसोस जताते हुये मुख्यमंत्री की बजट घोषणा को लागू करने की मांग पर आमंत्रित शिक्षक आमीन को बाहरी लोगो द्वारा जबदस्ती हाल से बाहर फैंकने की कड़ी निंदा करते हुये मंत्री कल्ला से त्याग पत्र देने की मांग की है।
             शिक्षक आमीन कायमखानी को लेकर सरकार द्वारा तानाशाही रुख अपने की चारो तरफ कड़ी निंदा व शिक्षा मंत्री के स्तीफा की मांग हो रही है। आमंत्रित शिक्षक को समारोह हाल से बाहरी गुण्डों के हाथो जबरदस्ती बाहर निकलने को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उनको गिरफ्तार करने की मांग व्यापक स्तर पर हो रही है। कायमखानी के निलम्बन पर आज जयपुर अलबर्ट हाल के सामने सहित अनेक जगह सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुये है।
                कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय को कुचलने की नीती से पहले से ही समुदाय स्तर पर व्यापक स्तर पर आक्रोश व गुस्सा कायम है। उर्दू शिक्षक नेता आमीन कायमखानी द्वारा जायज मांग उठाने पर उनको नाजायज कुचलने की सरकारी कार्यवाही से समुदाय मे सरकार के प्रति गहरा गुस्सा कायम होना देखा जा रहा है।


 

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