।अशफाक कायमखानी।
सीकर।
हालांकि राजस्थान के अन्य हिस्सों के मुकाबले शेखावाटी जनपद मे अल्पसंख्यक समुदाय मे खासतौर पर महिला शिक्षा का चलन पीछले दो तीन दशको से अच्छा चल रहा है। यहां की बालिकाओं ने भारतीय सिविल सेवा सहित अन्य प्रशासनिक-न्यायिक-आर्मी के उच्च पदो पर मुकाबलाती परिक्षाओं को क्रैक करके सफलता पाकर सेवाएं दे रही है।
पीछले कुछ सालो मे मेडिकल की तरफ बालिकाओं का रुझान तेजी के साथ बढा है। वो निरंतर हर साल अच्छी तादाद मे सफलता का परचम लहरा रही है। आज नीट के आये रजल्ट मे सेवानिवृत्त आईजीपी कुवंर सरवर खान की पोती व सीकर के सरकारी कालेज के प्रोफेसर राज मलवान की बेटी जैनब मलवान ने सीनियर कक्षा के साथ नीट देकर उसमे जनरल मे 554 वी एवं आल इण्डिया मे 870 वी रैंक व 720 मे से 680 अंक पाकर इतिहास रच दिया है। जैनब ने इसी साल सीनियर सीबीएसई - 98.60 प्रतिशत से पास की है। जैनब की वालदा रेहाना भी चिकित्सक है। इसी तरह बिसाऊ की इशरत खान ने 720 मे से 681अंक पाकर आल इण्डिया स्तर पर 667 वी रैंक पाई है।जैनब की तरह ही नुआ गावं की फरहाना ने नीट मे आल इण्डिया स्तर पर 8336 वी रैंक पाई है। जिसने सीनियर 96.6 प्रतिशत से पास की है। इसी तरह बलोद बडी गावं की रिजवाना ने नीट मे 4871 वी एवं मोडावासी गावं की तंजीम बानो ने 5981 रैंक पाईं है। इनके अलावा गोड़िया छोटा गावं की फेरीन खान ने 720 मे से 644 अंक पाकर आल इण्डिया स्तर पर 5758 रैंक पाई है। फेरीन की ही बहन फराह खान ने 720 मे से 593 अंक पाकर आल इण्डिया स्तर पर 24155 वी रैक पाई है।
कुल मिलाकर यह है कि विभिन्न तरह की सरकारी सेवाओं की मुकाबलाती परीक्षाओं के अलावा शेक्षणिक क्षेत्र की मुकाबलाती परिक्षाओं मे शेखावाटी जनपद की अल्पसंख्यक बालिकाओं द्वारा इतिहास लगातार रचा जा रहा है। सीकर-चूरु व झूंझुनू सहित डीडवाना क्षेत्र को मिलाकर कहलाने वाले शेखावाटी जनपद की देहाती परिवेश मे रहने वाली कायमखानी बिरादरी की बालिकाओं ने शिक्षा को हथियार बनाकर उस हथियार का अच्छे से उपयोग करते हुये इतिहास रच रही है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ