सादगी के नजदीक व फिजूलखर्ची से कोसो दूर रहने वाले महमूद खान के तरक्की पाने पर चारो तरफ खुशी की लहर।
।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
राजस्थान मे सत्यावनी के नाम से मशहूर डीडवाना क्षेत्र के नोसर बदलीया (नूरपुरा) गावं के साधारण परिवार मे जन्म लेकर कड़ी मेहनत के साथ अवरोधों को पार करते हुये मुकाबलाती परीक्षा पास करके राजस्थान पुलिस सेवा मे अधिकारी बनने वाले महमूद खान विभागीय तरक्की पाकर उप पुलिस अधीक्षक से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बनने पर प्रदेश मे खुशी की लहर देखी जा रही है। उनके परिवार व चाहने वालो के अलावा अधीकांश लोगो ने महमूद खान को व्यक्तिगत मिलकर या फिर टेलिफोनिक मुबारकबाद देते हुये उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
कर्तव्यनिष्ठा के साथ सरकारी डयूटी करने के साथ सरकारी सेवा के फर्ज निभाने के अतिरिक्त मिलने वाले समय को जनहित मे लगाकर हमेशा खुशमिजाज रहने वाले महमूद खान सादगी को जीवन मे पूरी तरह उतार चुके है। हर तरफ शेक्षणिक माहोल बनाने व युवाओं को शिक्षा की तरफ लालायित कर उनका मार्गदर्शन करने मे हर तरह से अगुवा रहने वाले महमूद खान दिखावे व फिजूल खर्च से कोसो दूर रहते है। महमूद खान चंद उन उच्च अधिकारियों मे शामिल है जिन्होंने उप पुलिस अधीक्षक पद पर रहते हुये अपने पूत्र की शादी समाजी सामुहिक विवाह सम्मेलन मे करके एक लम्बी लाईन को खींच दिया।
लोक दिखावे व फिजूलखर्ची से दूर रहकर मुकाबलती परीक्षा देने वाले युवाओं का मार्गदर्शन करने के हमेशा तत्पर रहने वाले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महमूद खान को स्टुडेंट्स के मोटिवेशन के लिये जगह जगह आमंत्रित किया जाता रहा है। देशभक्त परिवार से ताल्लुक रखने वाले महमूद खान के विभागीय तरक्की पाकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बनने पर उनके गावं से लेकर राजधानी व प्रदेश के हर हिस्से मे खुशी का माहोल है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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