।अशफाक कायमखानी।
सीकर।
राजस्थान मे अधीकांश सत्तारूढ़ दल के विधायक सरकार मे मंत्री या कुछ अन्य पद पाने मे लगातार भागदौड़ करते रहते है। लेकिन पहले दफा बने विधायकों मे से कुछ विधायक ऐसे होते है जो सरकार मे पद पाने की बजाय अपने क्षेत्र मे विकास कार्य करवाने के लिये सरकार से धन व स्वीकृति लाने मे लगातार भागदौड़ करते करते थकते नही। उन्हीं चंद विधायकों मे सीकर जिले के दांतारामगढ़ क्षेत्र से चुने गये कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र सिंह भी है। जो अपने विधायक कार्यकाल के बीते तीन साल मे अपने क्षेत्र मे विकास का नया आयाम बनाया है। जिसको अगले दो साल मे ऊंचाई मिलने की सम्भावना जताई जा रही है।
हालही मे राज्य सरकार द्वारा 2022-23 के रखे गये बजट मे सीकर जिले मे सड़क बनाने के लिये करीब पचास करोड़ रुपयो का प्रस्ताव रखा गया है। जिनमे से सैंतीस करोड़ की सड़क दस पंचायतों से गुजरते हुये करीब अठारह फूट चोड़ी सड़क का निर्माण दांतारामगढ़ क्षेत्र मे होगा। बाकी तेराह करोड़ दांतारामगढ़ क्षेत्र के अलावा जिले की अन्य सात विधानसभा क्षेत्रो मे खर्च होगे। दांतारामगढ़ क्षेत्र मे उक्त सड़क के अलावा दांतारामगढ़ को नगरपालिका व दांतारामगढ़ मे उप पुलिस अधीक्षक का पद व कार्यलय भी स्वीकृत हुवा है।इसके अतिरिक्त तीन मार्च को मुख्यमंत्री द्वारा दिये जाने वाले जवाब मे भी दांतारामगढ़ क्षेत्र के लिये अन्य घोषणाएं होने की उम्मीद है।
कुल मिलाकर यह है कि पीछले तीन सालो मे बजट मे क्षेत्र के लिये हुई घोषणाओं से क्षेत्र के प्रभावित व उत्साहित लोगो ने विधायक वीरेंद्र सिंह का क्षेत्र मे अनेक किलोमीटर लम्बे विशाल जूलूस निकाल कर आभार जताया। हजारो गाडियों के काफिले को देखकर लोग अनुमान लगा रहे है कि जिले का किसी नेता का अबतक का बडा काफिला माना जा रहा है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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