जयपुर।
पीछले पेंतीस दिन जयपुर व जैसलमेर की होटलो मे बाड़ेबंदी मे रहने वाले कांग्रेस विधायकों के साथ साथ मानेसर की होटल मे रहकर शह व मात का खेल खेलकर आने वाले कांग्रेस विधायकों को जैसे तैसे करके संतुष्ट करके पुरे पांच साल मुख्यमंत्री रहने की तमन्ना दिल मे पाले रखने वाले अशोक गहलोत अब विधायकों को लाभ का पद देने के लिये अलग से अध्यादेश लाकर संसदीय सचिव, व बोर्ड-निगम का चेयरमैन बनाकर उन्हें लालबत्ती देकर चुप करने की राजनीतिक हलको मे चर्चा गरम है।
पिछली भाजपा सरकार के समय 9-मार्च 2016 को अबूबक्र नकवी वक्फबोर्ड के चेयरमैन बने थे उनकी सदस्यता को लेकर टोंक के नजीर अहमद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया ओर कोर्ट ने उनकी सदस्यता को रद्द किया तो चैयरमैन पद खाली होने के करीब अठराह महिने बाद कांग्रेस सरकार ने तीन रिक्त सदस्य पद पर डा.खानू खान सहित तीन सदस्यों का मनोनयन किया। उसके बाद उपचुनाव मे डा.खानू खान बोर्ड के निर्विरोध चेयरमैन निर्वाचित हुये। डा.खानू खान का 8-मार्च 2021को कार्यकाल पुरा होने से करीब पांच महीने पहले से अनेक लोग चेयरमैन बनने के लिये दिल्ली-जयपुर लोभींग करने मे लग चुके है।
राजस्थान वक्फबोर्ड के चेयरमैन पद पर अनेक असरदार नेता पदस्थापित रहे है। लेकिन बोर्ड की एकदम से तेजी के साथ आमदनी बढाने व बोर्ड को नई पहचान देने मे पहले जयपुर के रहने वाले ऐडवोकेट अब्दुल कय्यूम अख्तर (17/07/1978-से 8/10/1982) व फिर शोकत अंसारी (18/01/1991 से-11/01/1999) ने अहम किरदार अदा किया था। दोनो उक्त चेयरमैन का कार्यकाल को राजस्थान मे बोर्ड के लिये स्वर्ण कार्यकाल माना जाता है।
हालांकि चेयरमैन बनने के बाद डा.खानू खान ने प्रदेश के अलग अलग हिस्सों का दौरा करके वक्फ जायदाद के अतिक्रमणकारियों को तीन सो के करीब नोटिस जारी किये। लचर व्यवस्था के चलते दो चार अतिक्रमणकारियों को छोड़कर बाकी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ किसी भी स्तर की ठोस कार्यवाही नही होने का मलाल वक्फ प्रेमियों को आज भी है। एक तरफ 8-मार्च 2021 को कार्यकाल पुरा होने के बाद वर्तमान चेयरमैन खानू खान फिर से चेयरमैन बनने की भरसक कोशिश करेगे वही अनेक नेता अभी से अपने आपको चेयरमैन बनाने के लिये जयपुर-दिल्ली मे भागदौड़ तेज कर दी है।
राजस्थान वक्फ बोर्ड के बारवे चेयरमैन डा. खानू खान से पहले ग्यारह अन्य लोग भी चेयरमैन रह चुके है। जिनमे सैयद आबिद अली, अलानूर, अब्दुल कय्यूम अख्तर, फारुक हसन नकवी, मोहम्मद याकूब, शोकत अंसारी, शफी मोहम्मद, नासीर नकवी, सलावत खान, लियाकत अली खा, व अबूबक्र नकवी भी चेयरमैन रह चुके है।
कुल मिलाकर यह है कि वक्फ बोर्ड चेयरमैन डा. खानू के कार्यकाल को पुरा होने मे अभी पांच माह का समय बाकी है। लेकिन लाभ का पद पाने के लिये नये तौर पर अध्यादेश आने की उम्मीद के बाद चेयरमैन बनने के लिये विधायक व अन्य कांग्रेस नेताओं ने जयपुर से दिल्ली तक भागदौड़ शुरू करदी है। वही डा.खानू खान के रिपीट होने से पहले उनके ढेढ साल के कार्यकाल का आंकलन अधिक महत्व रखेगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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