नयी दिल्ली, : वर्ष 2019 के फरवरी माह में हुई महत्त्वपूर्ण घटनाओं का ब्यौरा इस प्रकार है :
एक फरवरी : नयी दिल्ली : चुनाव से पहले अपने अंतिम बजट में जनवादी रुख दिखाने के लिए नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने पांच लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को आय कर भुगतान से छूट दी, छोटे किसानों को साल में 6,000 रुपये और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए 3,000 रुपये की मासिक पेंशन देने की घोषणा की।
दो फरवरी : नयी दिल्ली : अटकलों पर विराम लगाते हुए, सरकार ने मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का निदेशक बनाया। केंद्रीय जांच एजेंसी के प्रमुख के पद से आलोक कुमार वर्मा को विवादित तरीके से हटाने के बाद यह फैसला लिया गया।
तीन फरवरी : नयी दिल्ली : दिल्ली जा रही सीमांचल एक्सप्रेस के नौ डिब्बे बिहार के वैशाली में पटरी से उतर गए जिससे छह लोगों की मौत हो गई।
11 फरवरी : लखनऊ : प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांग्रेस महासचिव के तौर पर विशाल रोड शो के जरिए उत्तर प्रदेश के राजनीतिक मैदान में कदम रखा।
12 फरवरी : नयी दिल्ली: मध्य दिल्ली के करोल बाग इलाके में एक होटल में लगी भीषण आग में 17 लोगों की मौत हो गई।
14 फरवरी : पुलवामा : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए सबसे घातक आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद और पांच अन्य घायल हो गए।
18 फरवरी : नयी दिल्ली: भाजपा और शिवसेना लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव साथ-साथ लड़ने पर सहमत हुए।
21 फरवरी : नयी दिल्ली: भारत ने सिंधु जल संधि के तहत नदियों का अपने हिस्से का पानी पाकिस्तान को नहीं देने का फैसला किया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद यह बात कही।
26 फरवरी : नयी दिल्ली: भारत ने दो मिनट से भी कम समय में हवाई हमला कर पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर को उड़ा दिया। इसमें 350 आतंकवादी मारे गए।
28 फरवरी : नयी दिल्ली: भारतीय वायु सेना के पायलट अभिनंदन वर्द्धमान ने पाकिस्तानी वायुसेना के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया। हवाई संघर्ष में उनका विमान मिग-21 भी चपेट में आ गया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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