नयी दिल्ली, : देश में मार्च 2019 में हुईं महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं...
एक मार्च: वाघा/अटारी : भारतीय वायु सेना के पायलट अभिनंदन वर्धमान तीन दिन तक पाकिस्तान में बंधक रहने के बाद स्वदेश लौटे। अभिनंदन की रिहाई ने भारत और पाकिस्तान के बीच बने युद्ध जैसे आसार कम करने में मदद की।
छह मार्च: नयी दिल्ली: दक्षिण दिल्ली के सीजीओ कॉम्पलेक्स में सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय के कार्यालय में बुधवार को आग लगने से सीआईएसएफ के एक अधिकारी की मौत हो गई और कई अहम दस्तावेज जल कर खाक हो गए।
सात मार्च :नयी दिल्ली: एक अहम घटनाक्रम के तहत संयुक्त राष्ट्र ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद की उस अर्जी को खारिज कर दिया जिसमें उसने अपना नाम प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची से हटाने की अपील की थी।
आठ मार्च: वाराणसी/कानपुर: लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी सहित उत्तर प्रदेश के पांच शहरों में अनेक विकासात्मक परियोजनाओं की शुरूआत की।
10 मार्च : नयी दिल्ली: चुनाव आयोग ने 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरण में देश में लोकसभा चुनाव कराने की घोषणा की।
11 मार्च: श्रीनगर: पुलवामा आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड दक्षिण कश्मीर के त्राल में मुठभेड़ में मारा गया। फरवरी 14 को हुए इस आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
14 मार्च: अटारी/नयी दिल्ली: भारत और पाकिस्तान करतारपुर गलियारे को शुरू करने के काम में तेजी लाने पर सहमत।
5 मार्च : नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने क्रिकेटर एस श्रीसंत पर बीसीसीआई द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को रद्द किया।
17 मार्च : पणजी: अग्नाशय के कैंसर से जूझ रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर जीवन से जंग हारे। वह 63 साल के थे।
19 मार्च : नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष देश के पहले लोकपाल नियुक्त ।
27 मार्च : नयी दिल्ली: भारत ने अंतरिक्ष में सेटेलाइट रोधी मिसाइल से अपने एक सेटेलाइट को मार गिराया और इसी के साथ भारत इस तकनीक को हासिल करने वाला चौथा देश बना।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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