नयी दिल्ली, : वर्ष 2019 के जुलाई माह में घटी महत्त्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं :
दो जुलाई, नयी दिल्ली : बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वाले लोगों के खिलाफ संभवत: सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने 18 शहरों में करीब 61 स्थानों पर छापेमारी की। एजेंसी ने 1,139 करोड़ रुपये की हेराफेरी के 17 मामले दर्ज करने के बाद यह कार्रवाई की।
तीन जुलाई : नयी दिल्ली : संकट में घिरी कांग्रेस के लिए नयी परेशानी खड़ी करते हुए राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के तौर पर अपने इस्तीफे की सार्वजनिक घोषणा की। उन्होंने लोकसभा चुनावों में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए यह कदम उठाया।
छह जुलाई : नयी दिल्ली : जयपुर को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया। गुलाबी नगरी अहमदाबाद के बाद यह गौरव पाने वाला दूसरा शहर बनी।
14 जुलाई : चंडीगढ़ : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया।
20 जुलाई : नयी दिल्ली : तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं एवं कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित का दिल का दौरा पड़ने के बाद यहां के एक निजी अस्पताल में निधन।
22 जुलाई : श्रीहरिकोटा : भारत ने अपने दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान- दो का सफल प्रक्षेपण किया।
25 जुलाई : नयी दिल्ली : लोकसभा ने फौरी तीन तलाक को प्रतिबंधित करने संबंधी विधेयक पारित किया।
26 जुलाई : बेंगलुरु : भाजपा की कर्नाटक इकाई के दिग्गज नेता बी एस येदियुरप्पा ने चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
29 जुलाई : उन्नाव/ लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया।
30 जुलाई : नयी दिल्ली : मोदी सरकार को बड़ी जीत मिली जब ऐतिहासिक तीन तलाक विधेयक राज्यसभा में भी पारित हो गया।
31 जुलाई : मंगलुरु/ बेंगलुरु : सीसीडी के संस्थापक अरबपति कारोबारी वी जी सिद्धार्थ का शव कर्नाटक में नेत्रावती नदी के किनारे बरामद हुआ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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