पटना, : संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर भाजपा के खिलाफ लगातार आक्रोश जाहिर करने के बाद जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का कहना है कि बिहार में राजग की वरिष्ठ साझीदार होने के नाते उनकी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
दोनों दलों ने इस साल लोकसभा चुनाव में बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा था।
किशोर ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ''मेरे अनुसार लोकसभा चुनाव का फार्मूला विधानसभा चुनाव में दोहराया नहीं जा सकता।''
वहीं भाजपा ने किशोर के इस बयान पर निराशा जाहिर की है। पार्टी बिहार में अपना पलड़ा भारी रखने की जुगत में है और नीतीश कुमार से खुद को कम आंकने के लिए कहीं से भी तैयार नहीं है।
राज्य में भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, “भाजपा शिष्टाचार, अनुशासन बनाए रखने और ऐसे सार्वजनिक बयान नहीं देने में यकीन रखती है जो सिर्फ खबरों के लिहाज से दिए जाएं।
आनंद ने कहा “2020 के विधानसभा चुनावों के संबंध में राजग के सभी फैसले हमारे शीर्ष नेतृत्व के बीच होने वाली चर्चा के विषय हैं।”
किशोर ने कहा कि जदयू अपेक्षाकृत बड़ी पार्टी है जिसके करीब 70 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास करीब 50 विधायक हैं।
उन्होंने कहा ''यही नहीं, विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार को राजग का चेहरा बनाकर लड़ा जाना है।''
जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किशोर ने कहा, ''अगर हम 2010 के विधानसभा चुनाव को देखें जिसमें जदयू और भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था तो यह अनुपात 1:1.4 था। अगर इसमें इस बार मामूली बदलाव भी हो, तो भी यह नहीं हो सकता कि दोनों दल बराबर सीटों पर चुनाव लड़ें।''
चुनाव रणनीतिकार से राजनीतिक बने किशोर ने इन सुझावों को खारिज कर दिया कि पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार चुनाव के मद्देनजर भाजपा के प्रति कुछ लचीला रुख अपनाएंगे जैसा कि उन्होंने 2015 के विधानसभा चुनावों में लालू प्रसाद की राजद के लिए किया था।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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