नयी दिल्ली, : खेल मंत्री कीरेन रीजीजू ने सोमवार को कहा कि एमसी मेरीकोम और निकहत जरीन के बीच ट्रायल मुकाबले की घटनाओं को बढ़ा चढ़ाकर पेश नहीं किया जाना चाहिए तथा देश को इन दोनों पर गर्व है।
मेरीकोम ने शनिवार को जरीन को 9-1 से हराकर फरवरी में चीन में होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर में जगह बनायी। इस मुकाबले में दोनों मुक्केबाजों के बीच कटुता साफ तौर पर दिखी और दोनों मुक्केबाजों ने मुकाबले के बाद हाथ नहीं मिलाये। मेरीकोम मुकाबले के बाद जरीन के गले भी नहीं लगीं।
रीजीजू ने ट्वीट किया, ''मेरीकोम दिग्गज खिलाड़ी हैं जिन्होंने विश्व एमेच्योर मुक्केबाजी में वह हासिल किया है जो कोई अन्य मुक्केबाज नहीं कर पाया। निकहत जरीन भी शानदार मुक्केबाज है जिसमें मेरीकोम के पदचिन्हों पर चलने की क्षमता है। भारत को दोनों पर गर्व है। ''
उन्होंने आगे लिखा, ''जुनून और भावनाएं खेल की आत्मा है। केवल यह बात दिमाग में रहनी चाहिए कि पेशेवर खेलों में खिलाड़ी और पैसा अधिक महत्व रखता है जबकि एमेच्योर खेलों में देश महत्वपूर्ण होता है। आपस में झगड़े का खिलाड़ियों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विपरीत प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। ''
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने जब ओलंपिक क्वालीफायर्स के लिये मेरीकोम का सीधे चयन करने का फैसला किया तो जरीन ने रीजीजू को खुला पत्र लिखा था। रीजीजू ने ओलंपिक चार्टर का हवाला देकर खुद को मामले से अलग कर लिया था।
मेरीकोम ने शनिवार को कहा था कि वह चयन विवाद में घसीटे जाने से निराश हैं क्योंकि चयन उनके हाथ में नहीं है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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