लखनऊ, - लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में इस्तीफों के शुरू हुए दौर के तहत शनिवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 35 वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी पद से त्यागपत्र दे दिया।
पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक हाल में हुए लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम ना आने और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस पद से इस्तीफा दिये जाने के कारण प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल की उपनेता एवं प्रदेश कांग्रेस महामंत्री आराधना मिश्रा 'मोना', वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री रणजीत सिंह जूदेव और उपाध्यक्ष आर पी त्रिपाठी ने भी अपने—अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया।
इस्तीफा देने वालों में प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के समन्वयक राजीव बख्शी, संयुक्त मीडिया समन्वयक पीयूष मिश्रा, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं प्रवक्ता ओंकारनाथ सिंह और महामंत्री विनोद मिश्रा भी शामिल हैं।
इसके अलावा पार्टी प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व विधायक सतीश अजमानी, श्यामकिशोर शुक्ल, महामंत्री हनुमान त्रिपाठी, महामंत्री एवं प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी, विभाग एवं प्रकोष्ठ प्रभारी वीरेन्द्र मदान, संगठन मंत्री शिव पाण्डेय, सचिव एवं प्रवक्ता पंकज तिवारी, प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह, प्रवक्ता मंजू दीक्षित और सोशल मीडिया प्रभारी संजय सिंह समेत कुल 35 पदाधिकारियों ने भी चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी पराजय के बाद पार्टी में इस्तीफा देने का सिलसिला चल पड़ा है। देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस को बेहद करारी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी अध्यक्ष राहुल को भी अपने गढ़ अमेठी में पराजय का सामना करना पड़ा था।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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