बरेली (उप्र) - मालदा टाउन-आनंद विहार एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे लगभग 113 मदरसा छात्रों को शनिवार को संदेह के आधार पर बरेली रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया।
पुलिस अधीक्षक (रेलवे) सुभाष चन्द्र ने बताया कि आनंद विहार-मालदा टाउन ट्रेन में 100 से ज्यादा संदिग्ध बच्चों के होने की सूचना मिली थी। ट्रेन के बरेली पहुंचने पर उन बच्चों को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के जवानों ने स्टेशन पर उतार लिया।
उन्होंने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि वे बच्चे अलग—अलग मदरसों के हैं, जो छुट्टी के बाद वापस जा रहे थे। उनके नाम—पते की तस्दीक की जा रही है। बच्चे दिल्ली, हापुड़, अमरोहा और मुरादाबाद के मदरसों के बताये जा रहे हैं।
चन्द्र ने बताया कि इन बच्चों के पास उपलब्ध परिचय—पत्र, आधार कार्ड, उनके घर और मदरसों के बताये गये पतों की पड़ताल से पता चला है कि वे अलग—अलग मदरसों के छात्र हैं और वापस मदरसे जा रहे हैं। उन्हें अगली ट्रेन से गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अभी जांच चल रही है। जरूरत पड़ी तो उन्हें फिर बुलाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक सूचना मिली थी कि 12 से 16 साल तक की उम्र के 100 से ज्यादा बच्चों को कहीं ले जाया जा रहा है। रेल प्रशासन को स्थानीय अभिसूचना इकाई से इसकी जानकारी मिली थी। सूचना मिलते ही आरपीएफ और जीआरपी इंटेलीजेंस और सिविल पुलिस ने ट्रेन को बरेली जंक्शन पर घेर लिया और बोगियों में मौजूद लड़कों को उतार लिया गया।
रेलवे प्रशासन की इस कार्रवाई से रेलवे स्टेशन पर अफरा—तफरी मच गई।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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