अलवर, - राजस्थान की पुलिस ने पहलू खान मॉब लिचिंग मामले में यहां की एक अदालत में तीन व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें पहलू खान के दो बेटों सहित तीन लोगों को राजस्थान गोजातीय पशु अधिनियम, 1995 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है।
अलवर के पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख ने बताया कि पहलू खान के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है क्योंकि उसकी मौत हो चुकी है। देशमुख ने ' कहा, ''अदालत ने राजस्थान गोजातीय पशु अधिनियम के तहत तीन व्यक्तियों के खिलाफ इस आरोपपत्र को 24 मई को स्वीकार किया। चूंकि पहलू खान की मौत हो चुकी है, इसलिए उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया।''
आरोपपत्र में 'आरोपित नहीं किए गए आरोपियों' के कॉलम में पुलिस ने पहलू खान का नाम लिखा है। आरोप पत्र में पहलू खान के बेटे इरशाद खान और आरिफ खान तथा वाहन चालक खान मोहम्मद को राजस्थान गोजातीय पशु अधिनियम, 1995 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है।
आरोप पत्र के सारांश में हालांकि पहलू खान का नाम है जिसके अनुसार आरोपी इरशाद खान, आरिफ खान, पहलू खान व खान मोहम्मद के खिलाफ आरोप जांच में सिद्ध पाए गए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि पहलू खान की तीन अप्रैल 2017 को मौत हो गयी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को जयपुर में कहा कि पहलू खान मॉब लिचिंग मामले में पुलिस की जांच में अगर गड़बड़ी पाई गयी तो दुबारा जांच करवाई जाएगी। इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि मॉब लिंचिंग जैसे मामलों में कांग्रेस के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है और हम चाहेंगे कि ऐसे मामलों में मुल्जिमों को सजा मिले।
गहलोत ने कहा, ''इस घटना की तफ्तीश भाजपा राज में हुई थी। अब जब इस केस में चालान पेश हुआ है तो हमारा काम देखने का है कि तफ्तीश किस प्रकार हुई है। अगर तफ्तीश में गड़बड़ पाई गयी तो हम उसकी फिर से तफ्तीश करवाएंगे।''
इसके साथ ही गहलोत ने स्पष्ट किया कि मॉब लिंचिंग जैसे मामलों को लेकर कांग्रेस के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ''ऐसा कुछ नहीं है कि कांग्रेस सरकार ने अपना रुख बदल दिया हो। पूरे मुल्क में कांग्रेस पार्टी का स्टैंड वही है जो राहुल गांधी की भावना रही है .... ऐसे तत्वों को जो कानून को तोड़ते हैं, गोवंश के नाम पर हत्या कर देते हैं... हम ऐसे मुल्जिमों को छोड़ने वाले नहीं हैं, चाहे वह कोई भी हो।''
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद में मुख्यमंत्री ने इस बारे में ट्वीट किए। इसमें उन्होंने कहा कि यह अलग मामला है जो आरिफ, इरशाद व खान मोहम्मद के खिलाफ पिछली सरकार के कार्यकाल में 2017-18 में जांच की गयी थी।
गहलोत के अनुसार, ''चूंकि आरोप पत्र में नामित आरोपी दिसंबर 2018 में आरोप पत्र दाखिल किए जाने के समय मौजूद नहीं थे, इसलिए जिला अदालत ने चालान 24 मई 2019 को स्वीकार किया। हालांकि हमारी सरकार देखेगी कि जांच सही मंशा से हुई हो।''
उल्लेखनीय है कि पहलू खान की एक अप्रैल 2017 को कुछ कथित गोरक्षकों ने बहरोड़ (अलवर) में पिटाई की थी जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गयी। पहलू खान व उसके बेटे मवेशी लेकर हरियाणा के नूंह जा रहे थे।
इस मामले में छह एफआईआर दर्ज की गई। चार मामलों में आरोप पत्र मई 2017 में दाखिए किए गए। पांचवें मामले में आरोप पत्र 2018 में हुआ। वहीं छठी प्राथमिकी में अदालत ने 24 मई 2019 को आरोप पत्र स्वीकार किया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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