नयी दिल्ली, - बेंगलुरु हवाई अड्डा से एयर इंडिया के एक विमान के कोलकाता के लिए उड़ान भरने से ठीक पहले टिफिन धोने के विषय पर एक कैप्टन और चालक दल के एक सदस्य के बीच कहासुनी हो गई। वरिष्ठ एयरलाइन अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को हुई इस घटना के मद्देनजर एयर इंडिया के विमान में पायलटों के अपना भोजन ले जाने पर एयरलाइन द्वारा पाबंदी लगाए जाने की संभावना है।
एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''हमने सोमवार को हुई इस घटना का गंभीर संज्ञान लिया है। हम जल्द ही पायलटों से कहेंगे कि वे अपना भोजन लेकर उड़ान में नहीं आएं।'' एयरलाइन के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि फ्लाइट संख्या एआई 772 सोमवार पूर्वाह्न 11 बज कर 40 मिनट पर बेंगलुरू से कोलकाता के लिए उड़ान भरने वाली थी लेकिन इसमें करीब दो घंटे की देर हो गई क्योंकि कैप्टन और चालक दल के एक सदस्य को (जिनमें तीखी बहस हो गई थी) विमान से हटाना पड़ा और उनकी जगह किसी और को विमान में भेजा गया।
दूसरे अधिकारी ने बताया, ''मुझसे कहा गया कि कैप्टन चाहते हैं कि चालक दल का सदस्य भोजन करने के बाद उनका टिफिन धोये। शायद, इसी के चलते उनके बीच तीखी बहस हुई। जांच शुरू कर दी गई है। सख्त कार्रवाई की जाएगी। ''
एयरलाइन अधिकारियों बताया कि दोनों कर्मचारियों को पूछताछ के लिए दिल्ली मुख्यालय बुलाया गया है और वे लोग यहां बृहस्पतिवार को होंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले 27 मार्च को एयर इंडिया ने अपने पायलटों को निर्देश जारी किया था कि वे उड़ानों के दौरान अपने लिए विशेष भोजन का आर्डर नहीं दें क्योंकि उन्हें कंपनी द्वारा निर्धारित भोजन सूची का अनुपालन करने की जरूरत है।
यह फैसला इसलिए किया गया कि पायलट अपने लिए बर्गर और सूप जैसे विशेष भोजन का आर्डर करते पाए गए थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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