लखनऊ, -: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि ''एक देश एक चुनाव'' भाजपा का नया ढकोसला है ताकि ईवीएम की सुनियोजित धांधलियों आदि के जरिये लोकतन्त्र पर कब्जा किए जाने को लेकर उपजी गम्भीर चिन्ता की तरफ से लोगों का ध्यान बंटाया जा सके।
केन्द्र सरकार की 'एक देश एक चुनाव' पहल पर आज नई दिल्ली में आयोजित बैठक के संबंध में मायावती ने पहले ट्वीट और फिर अपने बयान में कहा कि भाजपा सरकार को ऐसी सोच, मानसिकता एवं कार्यकलापों से दूर रहना चाहिये जिससे देश के संविधान एवं लोकतन्त्र को आघात पहुँचता है।
उन्होंने कहा 'भारत जैसे विशाल, 130 करोड़ से अधिक आबादी वाले 29 राज्यों व 7 केन्द्र शासित प्रदेशों पर आधारित लोकतान्त्रिक देश में 'एक देश-एक चुनाव' के बारे में सोचना ही प्रथम दृष्टया अलोकतान्त्रिक व गैर-संवैधानिक प्रतीत होता है। देश के संविधान निर्माताओं ने ना तो इसकी परिकल्पना की और ना ही इसकी कोई गुन्जाइश देश के संविधान में रखी। दुनिया के किसी छोटे से छोटे देश में भी ऐसी कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है।'
उन्होंने कहा “किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकता और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है। देश में 'एक देश, एक चुनाव' की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजबारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास और छलावा है।”
उन्होंने ईवीएम को भी चुनावी प्रक्रिया के लिए नुक़सानदायक बताते हुए कहा कि मतपत्र के बजाए ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराने की सरकार की जिद से देश के लोकतंत्र तथा संविधान को असली खतरा है। ''ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने के लिए सरकार को विभिन्न पार्टियों की बैठक बुलानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। ''
मायावती ने 'एक देश एक चुनाव' के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी बसपा के शामिल नहीं होने का स्पष्ट संकेत भी दिया।
बसपा प्रमुख ने कहा, “ ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास घट गया है जो चिंताजनक है। ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती।”
उन्होंने कहा कि एक देश, एक चुनाव देश का मुद्दा नहीं है और ना ही लोगों की इसमें कोई रूचि है बल्कि इसके विपरीत मतपत्र से चुनाव कराये जाने की जोरदार मांग असली राष्ट्रीय मुद्दा बनी हुई है, जिसके लिए हमारी पार्टी संघर्ष जारी रखेगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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