प्रदेश के श्रम, सेवायोजन व समन्वय मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने भारतीय संस्कृति की पहचान योग को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया। सभी लोग अपने-अपने घरों में सुबह-शाम योग करें। जीवन के नियमित दिनचर्या में योग शामिल होने पर आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रहेगी। उन्होंने कहा कि योग करने से तन-मन स्वस्थ रहेगा।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज बदायूं जनपद के पुलिस परेड ग्राउण्ड में आयोजित 5वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही। उन्होंने योगाभ्यास कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलित कर तथा गुब्बारे उड़ाकर किया। योगाभ्यास कार्यक्रम के पश्चात् श्रम मंत्री ने जिला चिकित्सालय प्रांगण में 108 नम्बर की 13 एम्बुलेंस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सशक्त राष्ट्र का निर्माण तभी होगा जब हर व्यक्ति स्वस्थ व निरोग रहेगा तथा समाज के अंतिम व्यक्ति तक चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर एवं पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी का सपना था कि समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्य धारा में खड़ा होने का मौका मिले। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की मंशा है कि सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को समय से मिले, इसके लिए सभी अधिकारी कमर कस लें।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी श्री दिनेश कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अशोक कुमार त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री नरेन्द्र बहादुर सिंह के साथ जन प्रतिनिधियों व गणमान्य व्यक्तियों ने प्रतिभाग किया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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