नयी दिल्ली, ) उच्चतम न्यायालय ने उस मामले को कानूनी रूप से पूरी तरह से निपटा दिया जिसमें ब्रिटेन से 108 कैरट के कोहिनूर हीरे को वापस पाने हेतु न्यायिक हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया था।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने वह उपचारात्मक याचिका खारिज कर दी जिसमें 2017 के उसके इस फैसले पर पुन:विचार करने का अनुरोध किया था कि वह कोहिनूर हीरे को ब्रिटेन से फिर से प्राप्त करने या इसे नीलामी से रोकने के लिए कोई आदेश नहीं दे सकता।
कोहिनूर हीरा 14वीं सदी की शुरुआत में दक्षिण भारत से मिला था।
औपनिवेशिक काल के दौरान ब्रिटेन के हाथ लगा 108 कैरट का कोहिनूर हीरा लंबे समय से मालिकाना हक संबंधी विवाद के केन्द्र में रहा है और भारत सहित कम से कम चार देश इस पर अपना दावा करते हैं।
पीठ ने कहा, ''हमने उपचारात्मक याचिका और संबंधित कागजात का अध्ययन किया। हमारी राय में, रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा एवं अन्य के मामले में इस अदालत के फैसले में दिये गये मानकों के तहत केाई मामला नहीं बनता है... इसलिए उपचारात्मक याचिका खारिज की जाती है।''
शीर्ष अदालत ने अप्रैल 2017 में एक एनजीओ तथा अन्य द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज किया था जिसमें इस हीरे को भारत वापस लाने हेतु निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
अदालत का कहना था कि वह किसी अन्य देश की मालिकाना संपत्ति के संबंध में कोई आदेश नहीं दे सकती।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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