नयी दिल्ली, 29 जून 2025. सुप्रीम कोर्ट अपने कई फैसलों में स्पष्ट कर चुका है कि संसद को संविधान की प्रस्तावना में बदलाव करने का अधिकार नहीं है. बावजूद इसके उप राष्ट्रपति और भाजपा के नेताओं द्वारा इसे बदलने की बात करना सीधे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है. इस पर सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेकर उचित दण्डनिय कार्यवाई करनी चाहिए जो वो करती हुई नहीं दिख रही है. ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 201वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि पूंजीपतियों और सांम्प्रदायिक शक्तियों द्वारा अमरीका के समर्थन से देश को विभाजित करने की साज़िशों को पहचानते हुए ही इंदिरा गांधी सरकार ने 1976 में संविधान का 42 वां संशोधन करके प्रस्तावना में समाजवादी और पंथ निरपेक्ष शब्द जोड़कर देश की एकता और अखंडता को मजबूत किया था. जिसे केशवनंद भारती और एस आर बोम्मइ केस में सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए अक्षुड़ कर दिया कि संसद भी इसे नहीं बदल सकती. वहीं पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने भी भाजपा नेताओं द्वारा सेक्युलर और पंथनिरपेक्ष शब्द को प...
।अशफाक कायमखानी। जयपुर। परम्परागत रुप से फौज व पुलिस की नोकरी के साथ जीवनयापन के लिये कृषि पर आधारित शेखावाटी जनपद के मुस्लिम समुदाय ने बदलते हालात के चलते अरब देशो मे मजदूरी करके कमाये धन का उपयोग शिक्षा व व्यापार पर खर्च नही करने के दुष्प्रभाव अब नजर आने लगे है। जिनको लेकर समुदाय को सोचकर कोई कार्ययोजना बनाने पर विचार करना चाहिये। ताकि अनैतिक कार्यो मे लगे लोगो मे से चाहे सही रास्ते पर कम आ पाये लेकिन नये लोग इसमे शामिल नही हो पाये। सीकर जिले के रानोली थानातंर्गत एक मुस्लिम ढाणी के दो आपसी मुकदमे के जजमेंट कोर्ट से दो महीने मे अभी आये है। हत्याकांड के मुकदमे मे सात व रेप के मुकदमे मे दो लोगो को आजीवन कारावास की सजा हुई है। दोनो ही मुकदमे मे आरोपियों की आर्थिक व सामाजिक स्तर को काफी ठेस पहुंची है। यानि बढते कदम वापस पीछे आने लगे है। डीडवाना जिले के एक छोटे से गावं के 21 व 23 साल के दो युवक अवैध नशे...